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आयुक्त का संदेश |
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प्राथमिक रूप से विनिर्दिष्ट स्थल सीमा शुल्क चौकियों से होते हुए भारत-नेपाल सीमा एवं भारत-तिब्बत सीमा में वस्तुओं के निर्बाध आवागमन को सुगम बनाने के साथ ही अन्य रास्तों से होने वाली तस्करी को रोकने के लिए, इस आयुक्तालय, जिसका क्षेत्राधिकार उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्यों तक फैला हुआ है, का सृजन किया गया था। ये दोनों कार्य एक ही प्रकार के प्रतीत होते हैं जबकि ये परस्पर एक दूसरे के विपरीत हैं। हमारा सतत प्रयास रहा है कि ऐसा वातावरण तैयार किया जाय जिसमें व्यापारियों द्वारा ऐचिछक अनुपालन को बढ़ावा मिले ताकि वस्तुओं के निर्बाध आवागमन को सुनिशिचत किया जा सके। नेपाली वस्तुओं के आयात को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने ऐसी वस्तुओं केा सीमा शुल्क भुगतान से मुक्त कर दिया है और केवल के0उ0शुल्क के समतुल्य शुल्क (सी0वी0डी0) का ही भुगतान अपेक्षित है। नेपाल में जाली भारतीय मुद्राओं के परिचलन के संकट को रोकने के लिए 500 रू0 और उसके ऊपर के अंकित मूल्यों के भारतीय मुद्राओें को नेपाल ले जाना प्रतिबंधित कर दिया गया है। नेपाल से आयात और निर्यात की मात्रा मेंं प्रतिवर्ष उत्तरोत्तर प्रगति हो रही है और यह देखना अत्यन्त उत्साहवर्धक है कि संगठित तस्करी में क्रमश: कमी हो रही है। यह केवल सीमा पर तैनात विभागीय अधिकारियों की तत्परता एवं सजगता के कारण ही नहीं बलिक लोगों में अनैतिक रूप से तस्करी एवं उसके खतरों के प्रति आयी जागरूकता के कारण संभव हो सका है। विभाग से जालसाजी करने वाले अराजकतत्वों पर कड़ी निगरानी रखते हुए एक उत्तरदायित्व एवं करदाता मैत्रीपूर्ण वातावरण प्रदान करने की अपनी जिम्मेदारी से हम अवगत हैं। हमारे पास इन दोनोें को पहचानने का पर्याप्त कौशल है। ये भी संभव है कि हमारे कुछ अति उत्साही अधिकारी अपनी सीमाओं को लाँघकर आम जनता के मूल अधिकारों में हस्तक्षेप कर दें, यदि ऐसा होता है तो कोर्इ भी प्रभावित व्यकित हमारी वेबसाइट के माध्यम से हम तक पहुँचने के लिए स्वतन्त्र है। इस वेबसाइट में आप देखेंगे कि एक विशिष्ट पापअप उपलब्ध है जिस पर ऐसे दोषी अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। मैं आशा करता हूँ कि यह वेबसाइट सूचनाओंं के प्रसार एवं आप तक प्रभावशाली ढ़ंग से पहुँचने योग्य सिद्ध होगी।
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